टॉमस किड: अंग्रेजी ट्रेजेडी के जनक

टॉमस किड: अंग्रेजी ट्रेजेडी के जनक

टॉमस किड अंग्रेजी साहित्य के अग्रणी और प्रभावशाली नाटककार हैं। उन्होंने ही अपने समय के नाट्य परिदृश्य को नया रूप दिया। उन्होंने प्रतिशोध नाटक की नींव रखी। उन्होंने हत्या, पागलपन और प्रतिशोध की कहानियों से पाठकों का ध्यान आकर्षित किया। उनकी उत्कृष्ट कृति द स्पैनिश ट्रेजेडी अपने समय में सनसनी बन गई। यह नाट्य कला के लिए एक नए मानक के रूप में सामने आई।
टॉमस किड का जन्म 1558 में लंदन में हुआ था और 1594 में 36 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वे फ्रांसिस किड के पुत्र थे जो एक पेशेवर लेखक थे। किड की शिक्षा संभवतः लंदन के मर्चेंट टेलर्स स्कूल में हुई थी। उस समय वह स्कूल एक प्रमुख व्याकरण स्कूल था। उन्होंने 1580 के दशक में साहित्यिक परिदृश्य में प्रवेश किया। बहुत जल्द ही वे एलिज़ाबेथन रंगमंच की जीवंत दुनिया का हिस्सा बन गए। कहा जाता है कि 1593 में उन्हें मानहानि और नास्तिकता के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बहुत यातनाएँ दी गईं। बाद में उस क्रूर व्यवहार के कारण उनकी मृत्यु हो गई। साथी नाटककार क्रिस्टोफर मार्लो के साथ उनका संबंध विद्वानों के बीच बहस का विषय रहा है।
टॉमस किड मुख्यतः कुछ प्रमुख नाटकों के लिए जाने जाते हैं जो बेहद लोकप्रिय और प्रभावशाली हैं। द स्पैनिश ट्रेजेडी (लगभग 1587) उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है। यह अंग्रेजी नाटक के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह एक सनसनीखेज बदला लेने वाली ट्रेजेडी है। यह नाटक स्पेन के एक मार्शल हिरोनिमो की कहानी कहता है जो अपने बेटे होरेशियो की हत्या का बदला लेना चाहता है। किड का द ट्रेजेडी ऑफ सोलिमन एंड पर्सेडा (लगभग 1588-1592) तुर्की दरबार में घटित एक दुखद प्रेम कहानी है। टॉमस किड का कॉर्नेलिया (1594) रॉबर्ट गार्नियर के फ्रांसीसी नाटक कॉर्नेली का अंग्रेजी रूपांतर है। यह सेनेकन नाटक का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। यह नाटक शास्त्रीय विषयों को रूपांतरित करने में किड के कौशल को दर्शाता है। यह उस समय के उन गिने-चुने नाटकों में से एक है जो एक महिला नायक के दुःख और पीड़ा को प्रस्तुत करता है। कई विद्वान किड को लुप्त उर-हैमलेट के लेखक के रूप में भी श्रेय देते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि किड के लेखन का नाट्य परिदृश्य पर गहरा प्रभाव दिखाई देता है।
टॉमस किड को जटिल और सम्मोहक कथानक रचने में महारत हासिल थी। उनके कथानक सस्पेंस और षडयंत्र पर ज़ोर देते हुए बारीकी से बुने गए हैं। द स्पैनिश ट्रेजेडी में उन्होंने नाटकीय घटनाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से कुशलता से तनाव को विकसित किया है। यह कथानक नाटकीय संरचना का एक उत्कृष्ट नमूना है। कीड चरित्र-चित्रण की कला के उस्ताद थे। उनके पात्र सशक्त और यादगार हैं। उनके पात्रों की गहन भावनात्मक अवस्थाओं का चित्रण प्रशंसनीय है। हिएरोनिमो इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। एक कानून का पालन करने वाले अधिकारी से एक प्रतिशोधी पागल व्यक्ति बनने तक का उनका सफ़र दुःख और निराशा का एक मनोरम अध्ययन है। टॉमस किड के पात्र अक्सर नैतिक अस्पष्टता से जूझते हैं। वे न्याय और बदले की तीव्र इच्छा के बीच त्रिशंकु की तरह दिखाई देते हैं।
'बदला और न्याय', 'दिखावा बनाम वास्तविकता' तथा 'पागलपन और अराजकता' थॉमस कीड के नाटकों के प्रमुख विषय हैं। 'बदला और न्याय' द स्पैनिश ट्रेजेडी का केंद्रीय विषय है। टॉमस किड इस प्रश्न से जूझते हैं कि क्या बदला कभी सचमुच न्यायपूर्ण हो सकता है। वे दर्शाते हैं कि कैसे प्रतिशोध की चाहत बदला लेने वाले को भ्रष्ट कर सकता है। यह नायक और खलनायक के बीच की रेखा को धुंधला कर देता है। कीड के नाटकों में अक्सर ऐसे पात्र होते हैं जो अपने असली मकसद को छल के मुखौटे के पीछे छिपाते हैं। इससे एक ऐसी दुनिया बनती है जहाँ कुछ भी वैसा नहीं है जैसा दिखता है। कीड अपने पात्रों के मनोवैज्ञानिक पतन को दिखाने के लिए पागलपन को एक नाटकीय उपकरण के रूप में कुशलता से इस्तेमाल करते हैं। कीड की लेखन शैली साहसिक और अलंकारिक है, जिसमें विशद कल्पना, शक्तिशाली एकालाप और तीव्र भाषा शामिल है। कुछ विद्वान इसे अत्यधिक आडंबरपूर्ण पाते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह उनके नाटकों के विषय वस्तु के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। वे अपने पात्रों के आंतरिक उथल-पुथल को व्यक्त करने के लिए शास्त्रीय संकेतों और शक्तिशाली रूपकों का कुशलता से उपयोग करते हैं।
अंग्रेजी नाटक पर टॉमस किड का प्रभाव अविस्मरणीय है। वे प्रतिशोधात्मक त्रासदी के प्रवर्तक थे। यह एक ऐसी विधा थी जिसने दशकों तक रंगमंच पर अपना दबदबा बनाए रखा। उनके समकालीनों और उत्तराधिकारियों की रचनाओं में उनका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। कई महान विद्वानों के अनुसार कीड ने एक ऐसी नाट्य विधा का निर्माण किया जो बौद्धिक रूप से प्रेरक और भावात्मक रूप से रोमांचकारी दोनों थी। उन्होंने ही एलिज़ाबेथकालीन ट्रेजेडी के स्वर्ण युग की मज़बूत नींव रखी। बेन जॉनसन ने उन्हें ‘प्रसिद्ध कीड’ कहा है और फ्रांसिस मेरेस ने लिखा है कि वे ‘त्रासदी के लिए हमारे सर्वश्रेष्ठ’ लेखकों में से एक थे।

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